लेखनी कविता - जेता मीठा बोलणा, तेता साध न जाणि

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जेता मीठा बोलणा, तेता साध न जाणि । पहली थाह दिखाइ करि, उंडै देसी आणि ॥1॥ भावार्थ - उनको वैसा साधु न समझो, जैसा और जितना वे मीठा बोलते हैं । ...

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